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चुनाव / उमा शंकर सिंह परमार

आदमी
लाश मे तब्दील

जल उठे
सियासती चूल्हे
पक रही हैं रोटियाँ फरेब की

भूख से बिलबिलाने का
वक़्त आ गया ....

सखि ! चुनाव आ गया