चुनौ कु टेम छ भई, चुनौउ कू टेम छा,
नेता द्वार हमारा आयां आज यु जनता कु भैम छा ।
होटल बुक होयां छ अर खाणु बी खिलौणा छा,
बखरा-मुरगा कटेणा यख दारू बी पिलौणा छा ।
द्वी बोतल भितर कैली, द्वी क्वाटर खीसा मा ।
तीन हाफ कखलि धैर्यां, चार बिछौणा नीसा मा ।।
सुलार पर टाला लग्यां, घुमणु बुलेरो गाड़ी मा,
सदरी पर लरका तरकी, जुआं-लीखा धाड़ी मा ।।
चिलम फेंकी कुंणेटा अर सिगरेट छ हाथ मा,
अंग्रेजी दारू पियां काका, अंग्रेजी बात-बात मा ।।
अपडु़ टोपलु खिसा मा धैर्यूं, पार्टी कु पैर्यूं खोपड़ी मा,
उखडू़ की फगणै छोड़ी, कुद्णा चुनौ रोपणी मा ।।
आज सब रज्जा बण्यां, नेता हमारा द्वार मां,
न्यालू की कसम खाणा, दारू का ठुंगार मा ।।
ब्याळि तक लुक्यां छा जु, देरादूण बंगलौं मा,
आज घुमणा रात दिन, गौं-गौं जंगलों-जगलों मा ।।
क्वै घघाड़ ढांगा छ त क्वै नया नवार छा,
हाथ छोड़ी फूल पकड़ी, पार्टी धारों-धार मा ।।
टिकट मिली त पार्टी अपड़ी, नी मिली त निर्दली,
भाजपा-काँग्रेस पत्ता नी छ, हव्वा कनी या चली ।।
जति-पाति मा अलझाणु, क्वै राड़ि ओर-पोर मा,
क्वै क्षेत्र-पट्टी बांटणु, क्वै घुस्यूं घौर-घौर मा ।।
नोटबंदी नी होंदि त, नोट होंदा हाथ मा,
अनपढु़ गरीब-गंवारू का वोट होंदा साथ मा ।।
जनता भी दलबदलू होंयी, घुमणी सबुकी रैली मा,
जत्ती नामांकन होणा न, तत्ती तैका गैली मा ।।
हाथ वाळा बि, फूल वाळा बि, निर्दली वाळा हम,
राजनेतौं की राजनिती मां, वोटर नी कैसी कम ।।
जनता छ कि नेता छा कि दुय्या छाया भैम मा,
चुनौ कु टेम छ भई, यू चुनौउ कू टेम छा ।।