तुम्हारे होठों पर
चुप्पियाँ
खिल आई हैं
जंगली फूलों की तरह
और मैं तुम्हारे होठों को नहीं
न जंगली फूलों को
देखना चाहता हूँ
मैं चाहता हूँ :
तुम्हारी चुप्पियों को देखना
उन से बातें करना
... चुप्प होकर
तुम्हारे होठों पर
चुप्पियाँ
खिल आई हैं
जंगली फूलों की तरह
और मैं तुम्हारे होठों को नहीं
न जंगली फूलों को
देखना चाहता हूँ
मैं चाहता हूँ :
तुम्हारी चुप्पियों को देखना
उन से बातें करना
... चुप्प होकर