बहलोॅ छै पुरबैया पीर
अच्छर-अच्छर चुभलोॅ तीर
मँजरैलोॅ डार-डार, महुआ-रसालोॅ के
टीसै छै टेसू रोॅ, टेस रं गालोॅ के
सुरता में डढ़लोॅ शरीर
अच्छर-अच्छर चुभलोॅ तीर
कचनारी रं लेनें, बासंती साड़ी छै
सिम्मर रोॅ फूलोॅ पर, गँठलोॅ सुपाड़ी छै
अँचरा उघारै समीर
अच्छर-अच्छर चुभलोॅ तीर
पात-पात फुजलोॅ रं, रिस-रिस रस रीसै छै
धतुरा रोॅ संग-संग, भंग अंग पीसै छै
बौरैलोॅ पछिया बहीर
अच्छर-अच्छर चुभलोॅ तीर
दखिनाहा झिमिर-झिमिर झूम-झूम-झोरै छै
चन्दन रोॅ बतिगया केॅ, चाननी अगोरै छै
खींचै छै उतरा लकीर
अच्छर-अच्छर चुभलोॅ तीर
‘राज’ मधुमक्खी रोॅ, छत्ता छै डारी में
नीमी रोॅ पत्ता छै, झुकलोॅ खुमारी में
उमतैलोॅ मौसम अधीर
अच्छर-अच्छर चुभलोॅ तीर