चूहे राजा दिल्ली आए
सोचा था घूमेंगे,
लाल किला देखेंगे या फिर
डिस्को पर झूमेेंगे।
मगर यहाँ पर था चुनाव का
ऐसा भारी दंगल,
चीख रहे थे पोस्टर सारे
हर दल में था दलदल।
झटपट भागे चूहे राजा
अपने घर को आए,
चुहिया से बोले-दिल्ली में
तबीयत अब घबराए।
वहाँ बड़ी भाषण की गरमी
वहाँ बड़े नारे हैं,
अपने घर में मीठी छैयाँ
घर के सुख सारे हैं।