मसखरों को अन्तरिक्ष में मत ले जाओ
यह मेरी सलाह है
चौदह बेजान नक्षत्र
कुछेक पुच्छल तारे, दो सितारे
जब तक तुम तीसरे सितारे की तरफ चलने लगोगे
तुम्हारे मसखरों के लतीफों का खज़ाना चुक चुका होगा
आकाशगंगा वही है जो वह है -
यानी सम्पूर्ण।
तुम्हारे मसखरे इसे कभी माफ़ नहीं करेंगे।
उन्हें किसी चीज़ से खुशी नहीं मिलेगी:
न समय से (जो इस कदर सीमाहीन है)
न सौन्दर्य से (जिस में कोई खोट नहीं)
न गुरुत्व से (जिस में कोई हल्कापन नहीं)
जब दूसरों के चेहरों पर असीम अचरज नज़र आएगा
मसखरे उबासियां ले रहे होंगे।
चौथे सितारे के रास्ते में
चीज़ें और भी बदतर हो जाएंगी
जम चुकी मुस्कानें
बाधित नींद और असन्तुलन
फ़िज़ूल की बकबक:
याद करो उस कौए को जिसकी चोंच में पनीर क टुकड़ा था
महाराजाधिराज के चित्र पर मक्खियों की टट्टी
स्टीमबाथ में बंदर-
असल में जीवन तो वह था।
संकीर्ण विचारों वाले वे मसखरे
अनंतता पर तरजीह देंगे गुरुवार को, किसी भी दिन।
वे - आदिकालीन।
अन्तरिक्ष के गोलों के संगीत से उन्हें बेहतर लगेगा बेसुरापन।
वे प्रसन्नतम रहते हैं
सिद्धान्त और वास्तविकता की दरारों के बीच
कारण और प्रभाव की दीवारों के बीच।
लेकिन यह शून्य है, धरती नहीं:
यहां हर चीज़ सम्पूर्ण है।
तेरहवें नक्षत्र पर
(उसके दोषहीन एकान्त पर निगाह डालते हुए)
वे अपने दड़बों से बाहर निकलने से इन्कार कर देंगे :
"मुझे सरदर्द है" वे शिकायत करेंगे
"मेरे पैर का अंगूठा दब गया"
क्या बर्बादी है। कितनी शर्म की बात
बाहरी अन्तरिक्ष में तबाह किया जा रहा इतना सारा धन।
अनुवाद: