आछा जनमासा तजि पाषंड को पासा, मति राता रति माशा अंत बाजी को उड़ासा है।
चोरी परनारी मद मासा है करमफासा, धरो निज नाम आसा जो खुलासा है॥
डोलो हंसदासा मुख बोलो पिक भाषा, जहाँ जहाँ जाको आसा तहाँ तहाँ ताको वासा।
धरनी के हाँसा जग जानो धंध लासा, ढूँढ़ि देखो पीर-पासा जो तमाशे का तमाशा है॥20॥