तुम्हारे चेहरे का पानी उतर गया,
जमाने की प्यास बुझ गई,
जितना सोचा दुनिया उतनी उलझ गई,
कोरा कागज पढ़ा अमल गुत्थी सुलझ गई।।
तुम्हारे चेहरे का पानी उतर गया,
जमाने की प्यास बुझ गई,
जितना सोचा दुनिया उतनी उलझ गई,
कोरा कागज पढ़ा अमल गुत्थी सुलझ गई।।