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चोला माटी के हे राम /छत्तीसगढ़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चोला माटी के हे राम
एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे
चोला माटी के हे हो
हाय चोला माटी के हे राम
एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे
द्रोणा जइसे गुरू चले गे
करन जइसे दानी संगी, करन जइसे दानी
बाली जइसे बीर चले गे, रावन कस अभिमानी
चोला माटी के हे राम
एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे
कोनो रिहिस ना कोनो रहय भई आही सब के पारी
एक दिन आही सब के पारी
काल कोनो ल छोंड़े नहीं राजा रंक भिखारी
चोला माटी के हे राम
एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे
भव से पार लगे बर हे ते हरि के नाम सुमर ले संगी
हरि के नाम सुमर ले
ए दुनिया मा आके रे पगला जीवन मुक्ती कर ले
चोला माटी के हे राम
एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे
चोला माटी के हे हो
हाय चोला माटी के हे राम
एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे
हाय चोला माटी के हे राम
एकर का भरोसा, चोला माटी के हे रे …