चौमासा बैठा
खोले सुरमेदानी ।
आँज रही काजल
देखो ! बिजुरी रानी ।
चौमासा आया
गाता मीठी कजरी ।
छत की मुंडेरों तक
झुक आई बदरी ।
चौमासा लाया
पानी के गुब्बारे ।
छीना-झपटी में
लो, फूट गए सारे ।
चौमासा बैठा
खोले सुरमेदानी ।
आँज रही काजल
देखो ! बिजुरी रानी ।
चौमासा आया
गाता मीठी कजरी ।
छत की मुंडेरों तक
झुक आई बदरी ।
चौमासा लाया
पानी के गुब्बारे ।
छीना-झपटी में
लो, फूट गए सारे ।