♦ रचनाकार: अज्ञात
ओ म्हारो छप्पन्हियो काल्ड
फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में.
बाजरे री रोटी गंवार की फल्डी
मिल जाये तो वह ही भली
म्हारो छप्पन्हियो काल्ड
फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में.
ओ म्हारो छप्पन्हियो काल्ड
फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में.
बाजरे री रोटी गंवार की फल्डी
मिल जाये तो वह ही भली
म्हारो छप्पन्हियो काल्ड
फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में.