१-बर्फीला मन
ठिठुरते सपने
ऊष्मा रहित |
२- देख -समझ
सुन्दरता में न जा
छलिया है वो |
३-स्नेह -तलाश
सपने हुए ख़ाक
फूलों में आग |
४-उपाय कर
तमस भरा मन
उज्ज्वल कर |
१-बर्फीला मन
ठिठुरते सपने
ऊष्मा रहित |
२- देख -समझ
सुन्दरता में न जा
छलिया है वो |
३-स्नेह -तलाश
सपने हुए ख़ाक
फूलों में आग |
४-उपाय कर
तमस भरा मन
उज्ज्वल कर |