Last modified on 20 मार्च 2015, at 15:13

छोटो मोटो मेहन्दी को झाड़ / पँवारी

पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

छोटो मोटो मेहन्दी को झाड़
वहाँ ते समदिन थाड़ी।।
मार्यो मार्यो मुन्ना राय
गेन्द हिवड़ बीच जाय लगी।।
खोटो रूपैया दारी हाथ
दगा रे दियो भारी
दगा रे दियो भारी।।
अंगिया हय कमर कटार
जोबर दारी को भारी।।
लहंगा हाय लाल गुलाल
सरस रंग लाल साड़ी।।