थैं सूंप्यौ म्हनै
अंतस री आत्मा सूं काढनै
सत
म्हैं सूंप्यौ थनै
म्हारै मगज सूं काढनै
सगळौ असत
लै एकर ओजूं सम्हाळ,
लै एकर ओजूं सम्हाळ म्हारौ असत,
थां रै सत बदळै।
थैं सूंप्यौ म्हनै
अंतस री आत्मा सूं काढनै
सत
म्हैं सूंप्यौ थनै
म्हारै मगज सूं काढनै
सगळौ असत
लै एकर ओजूं सम्हाळ,
लै एकर ओजूं सम्हाळ म्हारौ असत,
थां रै सत बदळै।