छोरी
म्हारी सोच
पताळ सूं डूंगी
अर
आभै रै परवार है
पण फेर ई अबार
थां सारू म्हारा
सगळा विमरस
हांसियै टंग्योड़ा हैं
अर
थूं म्हा सारू
दौ आंगळ री जग्यां सूं बेसी-बती नी
सोळवैं सइकै मांय जीवै
अबार ई म्हारौ मानखौ।
छोरी
म्हारी सोच
पताळ सूं डूंगी
अर
आभै रै परवार है
पण फेर ई अबार
थां सारू म्हारा
सगळा विमरस
हांसियै टंग्योड़ा हैं
अर
थूं म्हा सारू
दौ आंगळ री जग्यां सूं बेसी-बती नी
सोळवैं सइकै मांय जीवै
अबार ई म्हारौ मानखौ।