जंगल की बात / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

जंगल के सारे पेड़ों ने,
डोंडी ऐसी पिटवा दी है।
बरगद की बेटी पत्तल की,
कल दोनेंजी से शादी है।

पहले तो दोनों प्रणय युगल,
बट के नीचे फेरे लेंगे।
संपूर्ण व्यवस्था भोजन की,
पीपलजी ने करवा दी है।

जंगल के सारे वृक्ष लता,
फल फूल सभी आमंत्रित हैं।
खाने पीने हँसने गाने,
की पूर्ण यहाँ आजादी है।

रीमिक्स सांग के साथ यहाँ,
सब बाल डांस कर सकते हैं।
टेसू का रंग महुये का रस,
पीने की छूट करा दी है।

यह आमंत्रण में साफ़ लिखा,
परिवार सहित सब आयेंगे।
उल्लंघन दंडनीय होगा,
यह बात साफ़ बतलादी है।

वन प्रांतर का पौधा पौधा,
अपनी रक्षा का प्रण लेगा।
इंसानों के जंगल प्रवेश,
पर पाबंदी लगवा दी है।

यदि आदेशों के पालन में,
इंसानों ने मनमानी की।
फतवा जारी होगा उन पर,
यह बात साफ़ जतलादी है।

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