जंग की तैयारियाँ होने लगीं।
फौज़ में बीमारियाँ होने लगीं।
यूँ समिझए जंग के दिन आ गए
दुश्मनों से यारियाँ होने लगीं।
चांद तन्हा चांद के आशिक हज़ार
इश्क में हो ऐय्यारियाँ होने लगीं।
धूप क्यों पीती नहीं है कोहरा
क़त्ल की लाचारियाँ होने लगीं।
सच कटीला था मगर कल मर गया
ख़ूब दावेदारियाँ होने लगीं।