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जग में तेरा कुछ नहीं / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग पीलू-ताल कहरवा)

जग में तेरा कुछ नहीं, मिथ्या ममता-मोह।
एक कृष्ण तेरे सदा चिदानन्द-संदोह॥