जो प्रणय में किए वह जतन क्या कहें
भाग्य में ही लिऽी है तपन क्या कहें
तुम स्वयं प्रेम का इक महाकाव्य हो
हम तुम्हारे लिए अब कथन क्या कहें
जो प्रणय में किए वह जतन क्या कहें
भाग्य में ही लिऽी है तपन क्या कहें
तुम स्वयं प्रेम का इक महाकाव्य हो
हम तुम्हारे लिए अब कथन क्या कहें