Last modified on 14 जनवरी 2011, at 11:48

जनता खाना / केदारनाथ अग्रवाल

सौ पैसे में
‘जनता खाना’ खाकर मैंने जाना
अच्छा होता है ऐसे सरकार चलाना
जनवादी हो जाना
कम पैसे में भूख मिटाना
लोगों को राहत दे पाना

रचनाकाल: ०९-०५-१९७६