दो धौल वक़्त ने कसे
दो घूँसे मैंने मारे
वक़्त ने कालर ऎसे पकड़े
कि कमीज़ के काज
फट गए सारे
जो बटन बचे
वे अब खो गए
दौड़ते-दौड़ते बत्तीस साल हो गए ।
दो धौल वक़्त ने कसे
दो घूँसे मैंने मारे
वक़्त ने कालर ऎसे पकड़े
कि कमीज़ के काज
फट गए सारे
जो बटन बचे
वे अब खो गए
दौड़ते-दौड़ते बत्तीस साल हो गए ।