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जब तुम नहीं रहतीं / लाल्टू

ठहर जाता है
विश्व एक बिन्दु पर
जब तुम नहीं रहतीं

रह रहकर
नशे में उठ पड़ता हूँ
जैसे तुम्हारी बाहैं
हवा में बहती
आ रही हों मेरी ओर

तुम्हारी जीभ, तुम्हारे वक्ष
नितम्ब तुम्हारे मुड़ मुड़
आते हैं हथेलियों पर

देखता रहता हूँ
अपनी उंगलियों को
जैसे तुमने परखा था उन्हें