जब दम तमाम होगा
अपना भी नाम होगा
सजदा रहा है जी कर
मर कर सलाम होगा
मुझसे अधिक तो मेरे
शब्दों का दाम होगा.
कल रेत की जमीं पर
सागर का जाम होगा.
जब दम तमाम होगा
अपना भी नाम होगा
सजदा रहा है जी कर
मर कर सलाम होगा
मुझसे अधिक तो मेरे
शब्दों का दाम होगा.
कल रेत की जमीं पर
सागर का जाम होगा.