आज उसके सम्मान में
श्रीमती लोबो झगड़ेंगी नहीं
श्रीमती लोपेज़ से
कि कौन सजाए वेदी को
और कैसे ?
भ्रातृसँघ की ओर से
भेंट में सिगार का डिब्बा आएगा
जैसा कि होता रहा है,
पिछले बीस सालों से ।
गिरजा-पल्ली की लड़कियाँ गीत गाएँगी —
"तुम्हारे पथ पर गुलाब बिखरे रहें"।
वह अभी भी देखता रहता है —
मैं घोड़े का बछेड़ा बनूँगा, माँ !
जब बड़ा हो जाऊँगा,
एक बछेड़ा अनसधा
पालतू तो बिल्कुल भी नहीं,
जिसके खुरों के चट्टान को छूते ही चमकेगी आग ।
और रोती रहे
उसकी माँ
अनायास, अकारण ही ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनामिका