Last modified on 17 जुलाई 2014, at 10:47

जय भारती जननी! / यात्री

जय जय जय जय भारत जननी!
शत सहस्त्र संस्कृति संगमनी!
जय जय जय जय भारत जननी!

शतश्रुति, शतगंधा, शतरूपा!
शत रस ओ शत परम, अनूपा!

शत शत शत शत दल संचारिणि!
बिध्य-हिमाचल-शिखर-विहारिणि!

शत शत शश्य सुशोभित धरणी!
खनिज भरित, त्रिभुवन मन हरणी!

जय जय जय जय भारत जननी!
शत सहस्त्र संस्कृति संगमनी!
जय जय जय जय भारत जननी।