उन्होंने दबा दिए सारे बटन
जल गए सारे बल्ब
अनगिनत रँगों के अपार उजाले में
जगमगा उठा वह महा-शहर
’कितना अन्धेरा है यहाँ ?’
मैंने धीरे से कहा
किसी रोशनी से सराबोर सड़क पर चलता हुआ
शहर से निकाला गया मुझे
इतना बड़ा झूठ बोलने के लिए
उन्होंने दबा दिए सारे बटन
जल गए सारे बल्ब
अनगिनत रँगों के अपार उजाले में
जगमगा उठा वह महा-शहर
’कितना अन्धेरा है यहाँ ?’
मैंने धीरे से कहा
किसी रोशनी से सराबोर सड़क पर चलता हुआ
शहर से निकाला गया मुझे
इतना बड़ा झूठ बोलने के लिए