के डालै कचरा छै जल में
बदली रहलै जल काजल में।
कल जे नदी कहावै छेलै
देखोॅ आय छै ऊ दलदल में।
जे खलखल रं बहतें रहलै
भौरा रं ऊ बन्द कमल में।
जों नद्दी ही कल नै होतै
जीव कहौं की दिखतै थल में?
के डालै कचरा छै जल में
बदली रहलै जल काजल में।
कल जे नदी कहावै छेलै
देखोॅ आय छै ऊ दलदल में।
जे खलखल रं बहतें रहलै
भौरा रं ऊ बन्द कमल में।
जों नद्दी ही कल नै होतै
जीव कहौं की दिखतै थल में?