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ज़िन्दगी आपको सौंप दी है / बलबीर सिंह 'रंग'

ज़िन्दगी आपको सौंप दी है
आपकी बन्दगी और क्या है?
सबकी महफ़िल में जा पहुँचते हो
‘रंग’ तुममें कमी और क्या है?

हम मुक़ामे फु़गाँ बना लेंगे
दर्द को दरमयाँ बना लेंगे
चन्द तिनकों की बात है, अए दोस्त
दूसरा आशियाँ बना लेंगे

कोई ग़म से न तंग आ जाये
ऐसा जीने का ढंग आ जाये
रंग पर उसकी आ गयी महफ़िल
जिसकी महफ़िल में ‘रंग’ आ जाये