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तुम्हारे आँसुओं की स्मृति
(उतनी ज़ोर मैं दो बार रोया)
तुम्हारी हँसी के बीहड़ ठहाकों को
धो नहीं सकती ।
वे एक तरह के पूर्व आस्वाद थे,
उसे तुम्हारे अपने निजी
’क़यामत के फ़ैसले’ के,
आह, जो कभी जारी नहीं हुआ ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल
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तुम्हारे आँसुओं की स्मृति
(उतनी ज़ोर मैं दो बार रोया)
तुम्हारी हँसी के बीहड़ ठहाकों को
धो नहीं सकती ।
वे एक तरह के पूर्व आस्वाद थे,
उसे तुम्हारे अपने निजी
’क़यामत के फ़ैसले’ के,
आह, जो कभी जारी नहीं हुआ ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल