एक बेर फेरु माँगे छौं, माय आय बलिदान
जागोॅ देशोॅ के जवान, जागोॅ देशोॅ के किसान
कैनें छौ घुसपैठ घरोॅ में, अत्याचारी भारी
उग्रवाद सुरसा रं बढ़लोॅ, अड़लोॅ छौं फन काढ़ी
शोकोॅ में सीता अशोक तर, जामवन्त हनुमान
जागोॅ देशोॅ के जवान, जागोॅ देशोॅ के किसान
रत्नजड़ित जे मुकुट माय रोॅ, कश्यप के फुलवारी
झुलसी रहलोॅ छौं अभियो तक, कुमकुम-केशर-क्यारी
गिरगिट चाहै छौं निंगलै ली, सुरजोॅ के अरमान
जागोॅ देशोॅ के जवान, जागोॅ देशोॅ के किसान
विषधर नें विष वमन आय करलें छौं, अमृतसर में
आतंकित करलेॅ छौं दुश्मन, आबी केॅ घर-घर में
जगोॅ समर के शेर, भारती के चमकमक किरपान
जागोॅ देशोॅ के जवान, जागोॅ देशोॅ के किसान
मटियामेंट करै ली चाहै छौं, तोरोॅ हरियाली
खेत-ोत में बंजर बूनैं ली, छीनै ली लाली
सावधान भारत मैया के, आँखी सूरज-चान
जागोॅ देशोॅ के जवान, जागोॅ देशोॅ के किसान
नरपिशाच भस्मासुर, लांघै चाहौं फनूँ सिमाना
रक्तबीज शेरांवाली के आगू, फेर्हौं बाना
तोंय त्रिशूल रं राज करोॅ, फिनु सें युग के संधान
जागोॅ देशोॅ के जवान, जागोॅ देशोॅ के किसान
यज्ञ सुफल होथौं तोरोॅ, जौं समिधा नाकी लगभोॅ
आरु आग रोॅ लपट बनी के, भारत लेली जगभोॅ
माय भारती सें पैभोॅ, तभिए कंचन वरदान
जागोॅ देशोॅ के जवान, जागोॅ देशोॅ के किसान