Last modified on 13 नवम्बर 2009, at 00:56

जागो बंसीवारे ललना / भजन

जागो बंसीवारे ललना
जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे ..

रजनी बीती भोर भयो है घर घर खुले किवाड़े .
गोपी दही मथत सुनियत है कंगना की झनकारे ..

उठो लालजी भोर भयो है सुर नर ठाड़े द्वारे .
ग्वालबाल सब करत कोलाहल जय जय शब्द उचारे ..

माखन रोटी हाथ में लीजे गौअन के रखवारे .
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर शरण आया को तारे ..