जागो बेटा बीती रात
आया हँसता मधुर प्रभात
चलती शीतल मंद समीर
चहल-पहल नदिया के तीर
नहा रहे है लोग अनेक
सुबह नहाना जिनकी टेक
सूरज स्वर्णिम लाल
छाया है धरती पर नूर
हुये सभी सुख से भरपूर
जागो बेटा बीती रात
आया हँसता मधुर प्रभात
चलती शीतल मंद समीर
चहल-पहल नदिया के तीर
नहा रहे है लोग अनेक
सुबह नहाना जिनकी टेक
सूरज स्वर्णिम लाल
छाया है धरती पर नूर
हुये सभी सुख से भरपूर