लोग बहुत पास आ गये हैं।
पेड़ दूर हटते हुए
कुहासे में खो गये हैं
और पंछी (जो ऋत्विक् हैं)
चुप लगा गये हैं।
बर्लिन
जून १९७६
लोग बहुत पास आ गये हैं।
पेड़ दूर हटते हुए
कुहासे में खो गये हैं
और पंछी (जो ऋत्विक् हैं)
चुप लगा गये हैं।
बर्लिन
जून १९७६