ओ जाति!
तू जाती क्या
बेड़ियाँ तोड़
बंधन मुक्त कर
तू जाती क्या
ओ जाति!
मत बहरी वन
अबे ओ जाति
तू जाती क्या
बामन के घर
उसकी महरारू से पूछने
तेरा जनेऊ हुआ क्या?
ओ जाति!
तू जाती क्या
बेड़ियाँ तोड़
बंधन मुक्त कर
तू जाती क्या
ओ जाति!
मत बहरी वन
अबे ओ जाति
तू जाती क्या
बामन के घर
उसकी महरारू से पूछने
तेरा जनेऊ हुआ क्या?