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जादूगरी / सुन्दरचन्द ठाकुर

होगा वह ईश्वर
भाग्य का नियंता
हमें जादूगर चाहिए

जादूगर
रहने दो रुमाल को रुमाल

उसे कबूतर मत बनाओ
ताजमहल को ग़ायब न करो
घड़ियों को मत रोको

अब कुछ काम का जादू दिखाओ

एक टूटा खिलौना ही जोड़ दो