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जिंदगी का जिंदगी से वास्ता जिंदा रहे / अशोक अंजुम

जिंदगी का जिंदगी से वास्ता जिंदा रहे
हम रहें जब तक हमारा हौसला जिंदा रहे

वक्त ने माना हमारे बीच रख दीं दूरियां
कोशिशें ये हों दिलों में रास्ता जिंदा रहे

ऐ मिरे दुश्मन तुझी ने दी मुझे जिंदादिली
मैं अगर जिंदा रहूं, तू भी सदा जिंदा रहे

प्यार से सुलझाइये, हल गुत्थियां हो जाएंगी
जब तलक संसार है ये फलसफा जिंदा रहे

मेरी कविता, मेरे दोहे, गीत मेरे और गजल
मैं रहूं या न रहूं मेरा कहा जिंदा रहे