बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
जिनकौ सेर-सवेरे खइये,
जिये बिसेख डरइये।
नौ-दस माँस गरम में राखौं।
जिनैं पीठ ना दइये।
नर-नारी को कौन बला-बल,
जिनकी संगत गइये।
सब जग रूठौ-रूठौ रन दो,
राम न रूठौ चइये।
ईसुर चार भुजा बारे खाँ,
का दो भुजा निरइये।