जिसके प्रति अपनाव
वही अपना ख़ैयाम!
जिसमें है दुर्भाव
ग़ैर है उसका नाम!
विष दे जीवन दान
सुधा वह बने ललाम,
मधु अहि-दंश समान
न विस्मृति दे यदि जाम!
जिसके प्रति अपनाव
वही अपना ख़ैयाम!
जिसमें है दुर्भाव
ग़ैर है उसका नाम!
विष दे जीवन दान
सुधा वह बने ललाम,
मधु अहि-दंश समान
न विस्मृति दे यदि जाम!