उसे रोज़ जाते
देखते थे सब
एकदम चुप
रास्ते के अलावा
देखती न थी कुछ और
लौटी जब आज
हाथ में एक डिग्री
आज वह नहीं थी वही
जिसे कल तक सबने
जाते देखा था
उसे रोज़ जाते
देखते थे सब
एकदम चुप
रास्ते के अलावा
देखती न थी कुछ और
लौटी जब आज
हाथ में एक डिग्री
आज वह नहीं थी वही
जिसे कल तक सबने
जाते देखा था