संतृप्त
ऊबे हुए मेरे साथी पुरुष
अब कुछ बचा ही नहीं
तुम्हारे लिए
जहाँ
जिस दुनिया में
चीज़ें शुरू होती हैं
वहीं से
मेरे लिए
संतृप्त
ऊबे हुए मेरे साथी पुरुष
अब कुछ बचा ही नहीं
तुम्हारे लिए
जहाँ
जिस दुनिया में
चीज़ें शुरू होती हैं
वहीं से
मेरे लिए