जीने का दुख
न जीने के सुख से बेहतर है,
इसलिए कि
दुख में तपा आदमी
आदमी आदमी के लिए तड़पता है;
सुख से सजा आदमी
आदमी आदमी के लिए
आदमी नहीं रहता है ।
21 अक्तूबर 1980
जीने का दुख
न जीने के सुख से बेहतर है,
इसलिए कि
दुख में तपा आदमी
आदमी आदमी के लिए तड़पता है;
सुख से सजा आदमी
आदमी आदमी के लिए
आदमी नहीं रहता है ।
21 अक्तूबर 1980