इतनी कहानियाँ
इतनी कविताएँ
इतने-इतने शब्द
दुनिया समझ रही इसे
समय और
समाज का आईना
हमने तो
सिली वही
जीने के नाम पर जो मिली कथरी।
इतनी कहानियाँ
इतनी कविताएँ
इतने-इतने शब्द
दुनिया समझ रही इसे
समय और
समाज का आईना
हमने तो
सिली वही
जीने के नाम पर जो मिली कथरी।