जीवन छोटा है
उससे भी छोटा
तुम्हारा साथ
इन्द्रधनुष रच रहा है
कुछ पलों का साथ
न बिसरेगा कभी
न होगा ओझल
जगी - मुँदी पलकों से
जीवन छोटा है
उससे भी छोटा
तुम्हारा साथ
इन्द्रधनुष रच रहा है
कुछ पलों का साथ
न बिसरेगा कभी
न होगा ओझल
जगी - मुँदी पलकों से