दूसरे की रात
अपने जीवन का
सपना न बनाओ,
उन्हें न सजाओ
अपनी आँखों में।
वीरानी रात,
कभी सुख न देगी
अपना जीवन अपना
गाओ, नाचो, ख़ुशी मनाओ
जीवन को आज़ाद होने दो
सूरज निकलेगा अवश्य
जीवन बदलेगा अवश्य।
दूसरे की रात
अपने जीवन का
सपना न बनाओ,
उन्हें न सजाओ
अपनी आँखों में।
वीरानी रात,
कभी सुख न देगी
अपना जीवन अपना
गाओ, नाचो, ख़ुशी मनाओ
जीवन को आज़ाद होने दो
सूरज निकलेगा अवश्य
जीवन बदलेगा अवश्य।