जहाँ
सब खत्म हो गया, अचानक
वहीं - उसी छोर पर
पल भर में
नयी दुनिया: एक नन्हीं - सी कोंपल
हिलाने लगी हाथ
उस कोंपल की हरियाली में
डूब जाती है
यह डूबना उसे भर देता है
उबरने के
एहसास से
आपाद
नमी से...
जहाँ
सब खत्म हो गया, अचानक
वहीं - उसी छोर पर
पल भर में
नयी दुनिया: एक नन्हीं - सी कोंपल
हिलाने लगी हाथ
उस कोंपल की हरियाली में
डूब जाती है
यह डूबना उसे भर देता है
उबरने के
एहसास से
आपाद
नमी से...