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जी मेल / सूरज

ओ पृथ्वी,
तुम्हारी चैट-लिस्ट में था मैं
सुनाम उपग्रह की तरह
तुम्हारी गति से अनजान

चलते हुए एक ही राह
आर-पार गुजरते स्वप्न
जगे-अधजगे साँसो के
बजते ढोल, नींद से बहुत
बाहर चलते हुए साथ टूटे पुल

पर
तब तक साथ जब तक दबा नहीं ‘डिलीट’ का मतलबी बटन।