मैं ऎसे लिख रही हूँ
जैसे अनाथालय में बहुत साल बाद
अपने अन्धे बच्चों से मिल रही हूँ
तुम्हारे जाने के बाद
क्या क़द निकल आया है उनका
कितने छोटे पड़ गए हैं शब्द
जो पहनाने लाई हूँ
मैं ऎसे लिख रही हूँ
जैसे अनाथालय में बहुत साल बाद
अपने अन्धे बच्चों से मिल रही हूँ
तुम्हारे जाने के बाद
क्या क़द निकल आया है उनका
कितने छोटे पड़ गए हैं शब्द
जो पहनाने लाई हूँ