Last modified on 5 फ़रवरी 2011, at 13:33

जुबान और कान / भरत ओला


ठोकर लगते ही
मैं लड़खड़ाया
और दीवार से जा टकराया

दीवार बोली
लड़खड़ओ मत
चलना सीखो

मैंने पूछा
तुम्हारे जीभ कब उग आई ?
तो बोली
जब से तुने जान लिया
कि दिवारों के भी कान होते हैं