पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जूजू...मराअ् बारा की गाई...गाई
एना बारा खअ् कोनअ् मार्यो
हडु...हडु
निन्दर कोनअ् करी एना बारा की
हडु...हडु
मरो बारा हय नांगड़
जसो फुल्ल को टोपर
हडु...हडु...
जूजू....मरा बारा की
गाई....गाई ....
जूजू...मराअ् बारा की गाई...गाई
एना बारा खअ् कोनअ् मार्यो
हडु...हडु
निन्दर कोनअ् करी एना बारा की
हडु...हडु
मरो बारा हय नांगड़
जसो फुल्ल को टोपर
हडु...हडु...
जूजू....मरा बारा की
गाई....गाई ....