आती हैं खबरें हत्याओं की
आए दिन
मीडिया उछालता है
माफिया के मानिंद
और सब सोये रहते हैं
चद्दर तान
इक्के-दुक्के बहस
रैली
नाकाम
जहर बुझे तीर चलती हैं
प्रगतिवाद, वाम, दाम
धेले भर आंसू
चीत्कार
और लूटा/ पिटा
मानववाद मर जाता है।
आती हैं खबरें हत्याओं की
आए दिन
मीडिया उछालता है
माफिया के मानिंद
और सब सोये रहते हैं
चद्दर तान
इक्के-दुक्के बहस
रैली
नाकाम
जहर बुझे तीर चलती हैं
प्रगतिवाद, वाम, दाम
धेले भर आंसू
चीत्कार
और लूटा/ पिटा
मानववाद मर जाता है।